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मंत्री जी का बेटा यानि देश का दामाद

चिठ्ठाकारी
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जी हां, देश में मंत्रीजी का बेटा होना यानी देश का दामाद होता है. यहां अगर आपका कोई काम अटका हो और आपकी जान पहचान किसी नेता या उसके लड़के से है तो आपको डरने की कोई जरूरत ही नहीं है. और अगर किस्मत ज्यादा मेहरबान हो तो गधे भी पहलवान बन जाते हैं. भारतीय राजनीति की पूरानी “परंपरा” यानि बाप की गद्दी बेटा संभाले की तर्ज पर यहां नेताओं के बेटों को फ्री की सर्विस मिलती है. यह सर्विस सरकारी नौकरी में सिर्फ पिता के असमय मौत या एक्सीडेंट की स्थिति मॆं ही पुत्र को मिलती है.


पर यह तो भारत वर्ष है जहां बेटा अपने पूर्वजों के बिजनेस को आगे बढ़ाता है और राजनीति भी एक बड़ा बिजनेस है. इस बिजनेस में पैसा, पार्टी, और शोहरत सब है. और इन सबको संभालना कोई छोटा काम नहीं होता. मंत्रीजी का घोटाला, छोटे नेताओं आदि का हिस्सा देखना बेहद जटिल काम है भैया.


अभी यूपी में मात्र एक साल से राजनीति की सही से जानकारी रखने वाले अखिलेश जी ने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. यह वहीं अखिलेश यादव है जो कुछ समय पहले तक कहीं पूछे भी नहीं जाते थे लेकिन मात्र एक साल की मेहनत और सपा की जीत ने इन्हें देश के सबसे बड़े राज्य का मुख्यमंत्री बनवा दिया.


वैसे चूजों को  सता में लाने का काम कांग्रेस भी कर रही है. लेकिन फिलहाल बात करते हैं मुलायम सिंह के बेटे के बारें में. जनाब को अभी नए नए यूपी की राजनीति के बारें मॆं एक साल से भी कम का समय हुआ है और ऊपर से अधिकतर समय तो उनका प्रचार में निकल गया है मालिक यूपी को समझेंगे कैसे? प्राशसनिक कार्यों के लिए जो समझ चाहिए वह भी जनाब में नदारद ही दिखती है लेकिन हां “पुकार” फिल्म के अनिल कपूर की तरह निकल पड़े हैं मियां राज्य चलाने.


अब सोचिए कि देश में अगर इसी तरह वंशवाद की राह पर नेता अपने लाड़लों को कुर्सी भेंट करते रहें तो क्या होगा? अच्छा हुआ ममता बनर्जी और मायावती ने शादी नहीं कि वरना यह तो अपने बच्चोंको सीधे प्रधानमंत्री ही बनवाती.


चलिए ब्लॉग लंबा हो गया है आगे तो यही कि थोड़े लिखा है ज्यादा समझिएगा. 😆

बहुत बहुत धन्यवाद



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