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Baby Falak case: दिल्ली का यह चेहरा…चुभता है बहुत

चिठ्ठाकारी
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दिल्ली.. देश की राजधानी है. यह राजधानी सबसे लिए पनाह देती है. देश के हर हिस्से से यहां लोग आकर बसते हैं. यहां आकर सबको रोजी-रोटी मिल ही जाती है. लेकिन इस राजधानी में एक ऐसी तस्वीर भी बसती है जिसे लोग देखने से कतराते हैं. यूं तो यह दिल्ली सबको रहने देती है पर यहां रहने और बसने की कई बार भारी कीमत भी चुकानी पड़ती है. हाल ही में इस शहर पर कई ऐसे गंभीर आरोप लगे जिसने इसे बदनाम कर दिया है. दिल्ली को लोग बदतमीज मानते हैं तो कई लोग इस संवेदनहीन भी कहते हैं. और आखिर कहें भी क्यूं ना इस दिल्ली ने अपनी तस्वीर ही ऐसी बना रखी है.


कुछ साल पहले दिल्ली लड़कियों के लिए इतनी अनसेफ हो गई थी कि लड़कियां रात को बाहर निकलने से भी कतराने लगी थीं तो वहीं शहर में बाइक गैंग और आवारा लड़कों की बदमाशी किसी से नहीं छुपी. लेकिन इसके अलावा जो चेहरा मैं दिखाने की कोशिश कर रहा हूं वह इस महान देश की राजधानी का भद्र चेहरा है. यह वही दिल्ली है जहां आए दिन कई लड़कियों और  नवजात बच्चियों को मरने के लिए छोड़ देते हैं.


हाल ही में दिल्ली का एक ऐसा चेहरा सामने आया जिसे देख किसी की भी रूह कांप उठे. एक दो साल की बच्ची को उसके माता पिता बुरी तरह क्षत-विक्षत हालात में सड़क पर छोड़ देते हैं. जिन्दगी और मौत के बीच दिल्ली के एम्स में झूल रही हैं. लेकिन अधिकतर न्यूज चैनल इस समय इंडिया की हार और यूपी की मार पर फोकस कर रहे हैं. क्यूंकि वह दो साल की बच्ची फलक को कोई ना ही स्पांसर कर रहा है और ना ही कोई इस बच्ची के न्यूज के लिए पैसे दे रहा है.


Falak_b_21_1_2012यूं तो देश में हर दिन कई नवजात बच्चियां मार दी जाती हैं लेकिन एक दो साल की बच्ची को इतनी बेरहमी से मौत की दहलीज पर लाकर छोड़ देना बेहद दर्दनाक है और यह सब हो रहा है हमारी राजधानी में! खैर यह तो उस कहानी का मात्र एक छोटा सा पन्ना है जिसके पन्ने अब पलटने वाले हैं.


इस बच्ची को अस्पताल के बाहर छोड़ कर जाने वाली 14 वर्षीय लड़की की कहानी सुनकर तो शायद आंसू ही आ जाएं. मात्र 14 साल की उम्र. बाप की मारपीट से तंग आकर घर छोड़कर पहुंची नई दुनिया देखने. लेकिन दुनिया की निगाहों में घर से भागी हुई लड़की इज्जत का वह टुकड़ा होती है जिसे कोई भी अपना निवाला समझ लेता है. घर से भाग कर वह लड़की पूजा नामक एक युवती के पास पहुंची जिसने इस लड़कीको अपनी कमाई का जरिया समझ इसे चमड़ी के बाजार में उतार दिया. यहां तक कि मानवीय संवेदनाओं और रिश्तों को तार-तार करते हुए खुद उस युवती के ही पति ने लड़की से कई बार जबरन संबंध बनाए. एक औरत होकर उस औरत ने इस बच्ची को बेच डाला और यह सब हुआ दिल्ली में.


किशोरी को पूजा ने मुनीरका में एक महिला के घर भेजा था। वहां से किशोरी को अलग-अलग ग्राहकों के पास भेजा जाने लगा. राजकुमार उर्फ दिलशाद का काम किशोरी को ग्राहकों के पास छोड़ना और वहां से लाना होता था. इससे उसकी किशोरी से पहचान हुई. दोनों ने तीन महीने पूर्व मंदिर में शादी कर ली और महिपालपुर गांव में रहने लगे.


यह तो मात्र एक तस्वीर है कि आखिर यह दिल्ली कितनी संवेदनशील है. देश की राजधानी में इतना सब हो रहा है पर मुझे पूरी उम्मीद है कि अधिकतर लोगों को शायद ही “फलक” नामक उस दो साल की बच्ची और उस 14 साल की बच्ची के बारे में पता हो जिन पर खेलने कूदने की उम्र में नरक से भी भयंकर कहर ढाया गया.

[#Baby Falak #Falak #AIIMS #New Delhi]

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