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वाह रे देशभक्ति……………..

चिठ्ठाकारी
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वाह मान गए, क्या देशभक्ति का जुनून है शिवसेना के नेताओं (यों कहे गुण्डों) में. सिर्फ शिवसेना ही नही मनसे और कुछ ओर लोग भी इस कतार में सामिल हैं.

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कुछ ही दिन बीते हैं अभी जब इस राष्ट्र ने अपना 60 गणतंत्र दिवस मनाया, मगर इसके पहले और बाद में हो रहे घटना क्रमों पर ध्यान दिया जाएं तो लगता नहीं कि यहां गणतंत्र और संविधान जैसी कोई चीज हैं चलिए देखते कुछ ऐसे ही तथ्यों को जो देशभक्ति की नई परिभाषा बयां करते हैं:

1. पिछले दिनों एक अत्यंत देशभक्त नेता ने गांधीजी के अनशन के हथियार का इतना बढ़िया प्रयोग किया कि “तेलंगाना” नामक नए राज्य की रुपरेखा तैयार हो गई. और इसे देखते हुए अन्य लोगों ने भी अनशन के जरिए नए राज्यों की मांग शुरु कर दी.और यह भी इस उम्मीद में की आखिर गृहमंत्री चिंदबरम साहब ब्रहमा जो ठहरें जो त्पस्या का फल सदैव देते है. हालांकि इसके पीछे मन में नए राज्य में राजनीति की भी ख्वाहिश थी, (जनाब 33 राज्य कम हैं न राजनीति के करने लिए ,पूरा लाभ नही मिल पाता हैं).

2. हां, दूसरी घटना में एक ऐसे देशभक्त हैं जिन्हे अगर हम अंकल सैम कहें तो बुरा नहीं . अमरसिंह राजनीति के वह नाम जो आजकल यू.पी. में एक हॉट मुद्दा बनें हुए हैं और उनका नारा हैं “ हम तो डुबेंगे सनम तुम्हें भी ले डुबेंगे” .

3. अब बात करते हैं आजकल के सबसे बडे देशभक्त इंसान की, वह खुद को मराठा समुदाय का मसीहा मानता हैं , बाला साहब ठाकरे नाम जितना बडा दर्शन उतने छोटे . “ महाराष्ट्र मराठियों का हैं यहां अन्य किसी राज्य वाले का कोई काम नहीं” यह ठाकरे साहब का नारा हैं. (शायद उम्र के साथ उनकी अक्ल में जंग लगता जा रहा हैं).

4. अब अगर फैक्टरी ही खराब हो तो उत्पाद से क्या उम्मीद होगी. राज ठाकरे जिन्होने मनसे नामक पार्टी (माफ कीजिए गैंग ) का निमार्ण किया हैं वह बाला साहब ठाकरे के ही परिवार के हैं और बाला जी की क्षेत्रवाद को आगे बाढ़ाने का बेडा उठाया हैं. आखिर जो आंदोलन बडे छेडते हैं उसे पूरा करने का जिम्मा छोटों के कंधों पर ही तो होता हैं.

नए भारत के इन देशभक्तों की लिस्ट यहीं नही रुकती उधव ठाकरें (गलती इनकी नहीं यह तो वंशवाद की वजह से ), मधु कोड़ा (भ्रष्टाचार और घोटालों में नए आदर्श), एसपीएस राठौर(खाकी वर्दी में छुपे एक देशभक्त) और भी कई लोग हैं जो आजकल देशभक्ति की नई परिभाषा लिख रहें और गणतंत्र के नियमों को शायद ताक के नीचे रखते हैं.

महान हैं भारत और उसका संविधान , महान है इसके नेता जो इस संविधान को इतनी बारीकी से पढ़्ते हैं. इनकी देशभक्ति देख पता नही चलता की किस देशभक्त से यह सभी प्ररित है.अगर आपको पता चले तो जरुर बताएं.

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