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खेलनीति या राजनीति -1

चिठ्ठाकारी
चिठ्ठाकारी
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जब कल शाम को मैने न्यूज में देखा कि पाक खिलाडीयों को आईपीएल-3 में किसी भी फ्रेंचाईजी ने नही खरीदा तो विश्वास ही नही हुआ. आखिर ऐसा क्या कारण था जिस वजह से दुनिया की टी-ट्वेंटी के न.1 टीम के किसी खिलाडी को आईपीएल-3 में शामिल नही किया गया.

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जब मैंने थोडा सोचा तो इस सवाल के मेरे पास दो जवाब आए :

खेलनीति के अंतर्गत राजनीति : भारत के कुछ देशभक्त नेताओं की यह कारमात है जो हम इन पाक क्रिकेटरों को आईपीएल-3 में नही देख पाएगें. यह नेता शायद यह भूल गए थे कि पाकिस्तान टी-ट्वेंटी की न.1 टीम हैं और शाहिद अफरीदी ,सोहेल तनवीर जैसे खिलाडी इस खेल में अकेले दम पर रोमांच पैदा कर सकते हैं. इन चंद नेताओं की वजह से शायद इस बार फिर खेल हारता दिख रहा हैं. इन नेताओं को कैन समझाएं कि अच्छा खेल अच्छे खिलाडीयों के बिना नहीं होता और खेल ने हमेशा भारत पाक रिश्तों की दरार को कम करने की कोशिश की हैं.

आखिर किस भरोसे पाक खिलाडी यहां खेलने का सपना देखते हैं : पाकिस्तान वही मुल्क जो बार-बार भारत के सब्र का इम्तिहान लेता हैं , जो बार-बार सीमा पार से इस देश पर हमला करता हैं , जिसने 26/11 जैसे न जाने कितने हमलों को अंजाम दिया आखिर उस देश के साथ हम क्यों अपनों जैसा व्यवहार करें ?

सुनने में जरुर बुरा लगेगा मगर ऐसा नहीं है कि मैं कोई पाक विरोधी हूं. परंतु अगर हम एक प्रैक्टिकल तरीके से सोचे तो पाएंगे कि जब तक हम ऐसे कदम नहीं उठांएगे तब तक पाकिस्तान सुधरनें वालों में से नहीं हैं . जब वह हमारे ऊपर हमलें कर के हमें आर्थिक नुकसान पहुचाता हैं तब हम क्यों उनके खिलाडीयों को लेकर उन्हे आर्थिक धन मुहैया कराएं. जब खुद उनके देश के खिलाडी उनकी निंदा नही करते तब तक उन्हें अपनी गलती का अहसास नहीं

मेरा तो मानना हैं कि न सिर्फ पाकिस्तान के साथ वरन चीन के साथ भी हमें सारे रिश्ते तोड देने चाहिए तभी चीन की भी अक्ल टिकाने आएंगी. आखिर जिस देश का 50% के भी ज्यादा का करोबार हमारे द्वारा होता हैं वही देश हमारी सीमा में घुसपैठ करता है.

आईपीएल-3 में किसी भी पाक खिलाडी को न लेने के पीछे शायद यही रणनीति रही हो कि पाकिस्तान को उसकी गलती का अहसास कराया जाएं. हां इससे क्रिकेट का तो नुकसान होगा मगर वह नुकसान जो हमने 26/11, दिल्ली में हुए हमलों और सभी आतंकवादी हमलों में गंवाया उससे बहुत कम होगा ? माना कि आप और हम बूम बूम अफरीदी को मैदान में धमाका करते न देख पाएं मगर इतना तो होगा कि इससे पाकिस्तान सरकार को यह समझ में आए कि आतंकवाद से उसे नुकसान होगा? और यह पाकिस्तान सरकार को सीधा जवाब होगा.

विचार योग्य:

मैं तो मानता हूं कि मेरा दूसरा जवाब सहीं है , पर आपको क्या लगता पाक खिलाडीयों का निष्कासन सही हैं या गलत ?

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