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मुलायम का अमर-प्रेम

चिठ्ठाकारी
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किसी ने बहुत खुब कहा हैं कि ” राजनीति में कुछ भी हमेशा के लिए नहीं होता चाहे दोस्ती हो या दुस्मनी “और इस क्षेत्र में सब जायज हैं हर पैतरा जिससे काम निकल्ता हो.”

भारतीय राजनेता कितने गिर गय हैं इस बात का ताजा उदाहरण “मरसिंह प्रकरण” .


Ham saath-saath hai
Ham saath-saath hai


अमर सिंह ने जब सपा से इस्तीफा दिया तो लगा कि यह इस्तीफा मंजूर कर लिया जायगा. लेकिन जैसा कि पहले ही लग रहा था कि यह इतना सुलझा नही हो सकता आखिर अमर सिंह जैसा नेता इतनी जल्दी हार नही मान सकता और हुआ भी बिल्कुल वैसा ही.

हाल ही में सजंय दत्त ने भी पार्टी के सचिव पद से इस्तीफा दे यह जता दिया कि अमर सिंह मन ही मन कोई चाल चल रहे हैं. अब अमर सिंह भला महज सेहत का हवाला देकर पार्टी छोडने वाले में से नहीं है.

मुलायम सिंह को अब जाकर इस विषय की गंभीरता का ज्ञान हुआ और उन्होनें ऐलान कर दिया कि कुछ ही दिनों में सब शांत हो जाएगा. आखिर अमर सिंह का यह पैतरा काम कर ही गया . उम्मीद हैं अमर सिंह फिर सियासत की कोई शर्मनाक चाल चलेगे और दिखा देगे कि वह राजनीति में ‘सकुनि‘ से कम नहीं हैं.

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