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2010 : नई आशाओं और उम्मीदों का वर्ष

चिठ्ठाकारी
चिठ्ठाकारी
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कल सुबह हम सभी एक नए साल में कदम रखेगे. 2009 को भुलाकर 2010 का स्वागत करेगें और यह उम्मीद करेगें कि काश नया साल कुछ नया लेकर आए. हर बार यहीं होता है जब कोई नया साल शुरु होता हैं मन में भी नई आशाएं जन्म लेती हैं. मगर हम शायद बहुत कुछ भुल जाते हैं . पुराने साल की गलतियां, नाकामयाबी और भी बहुत कुछ . हम हर बार यह भुल जाते हैं कि पुराने साल में भी सिखने को बहुत कुछ होता हैं. अगर हम सभी पुराने साल से कुछ सिखते हुए नए साल का स्वागत करें तो निश्चय ही नया साल नए जैसा लगेगा बेशक उसमें कुछ नया न हो. अगर हम अपने आप में बदलाव करें तो नया तो लगेगा ही . जब मैं स्कुल में था तब मेरी टीचर कहती थी कि नए साल में अगर हम एक नई अच्छी आदत धारण करें तथा एक पुरानी खराब आदत को छोड दे तो नया साल सच में नए जैसा लगेगा.मैं उम्मीद करता हूं कि 2010 में विश्व में शांति बने रहे और प्रकृति और आतंकवाद का प्रकोप शांत रहें.

तो तैयार हो जाईए 2010 के स्वागत के लिए एक नई आदत के साथ . आप सभी को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.

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